लोकसभा चुनाव 2024
→लोकप्रिय
वीडियो
→भारत
→दुनिया
→सभी ख़बरें
अरुणाचल प्रदेश में विधानसभा की 60 सीटें हैं, इनमें से सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के खाते में 46 सीटें गई हैं. वहीं, 32 सदस्यीय सिक्किम विधानसभा की 31 सीटें सत्तारूढ़ सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा ने जीती हैं.
बीते 19 मई की सुबह कथित तौर पर एक नाबालिग द्वारा चलाई जा रही तेज रफ़्तार पोर्श कार ने एक मोटरसाइकिल को टक्कर मार दी थी, जिससे दो युवा सॉफ्टवेयर इंजीनियरों की मौत हो गई थी. नाबालिग की मां पर आरोप है कि उन्होंने बेटे के ब्लड सैंपल को अपने ब्लड सैंपल से बदल दिया था.
अडानी समूह के मालिक गौतम अडानी ने एशिया के सबसे अमीर व्यक्ति का तमगा रिलायंस समूह के मुकेश अंबानी को पीछे छोड़कर हासिल किया है. गौरतलब है कि अमेरिकी वित्तीय शोध कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च ने बीते वर्ष अपनी रिपोर्ट में अडानी समूह पर 'कॉरपोरेट इतिहास का सबसे बड़ा धोखा' करने का आरोप लगाया था.
केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के उप महानिरीक्षक खजान सिंह पर वर्ष 2021 में एक कांस्टेबल ने यौन उत्पीड़न, बलात्कार, ब्लैकमेलिंग और कई वर्षों तक उसे और अन्य महिला कांस्टेबलों को धमकाने का आरोप लगाया था. सीआरपीएफ की आंतरिक जांच में सिंह दोषी पाए गए थे.
क़रीब तीन साल पहले सूरत ज़िला पुलिस के दो कांस्टेबल उत्तर प्रदेश के प्रतापपुर ज़िले से एक व्यक्ति को गिरफ़्तार करके सूरत ले जा रहे थे, लेकिन रास्ते में वह कथित तौर पर ट्रेन से कूदकर भाग गया. कांस्टेबलों ने इसकी सूचना अपने वरिष्ठ अधिकारियों को नहीं दी थी, जबकि उक्त व्यक्ति के परिजनों का आरोप है कि उसे पुलिस हिरासत में पीट - पीट कर मार डाला गया था.
कभी-कभार | अशोक वाजपेयी: भारत के साधारण वर्ग के नागरिक संवैधानिक अधिकार और पात्रता रखते हुए चुनाव नहीं लड़ सकते. हमने जो व्यवस्था बना ली है वह भारत की साधारणता को लोकतंत्र में कोई निर्णायक भूमिका निभाने से रोक रही है.
आम तौर पर आपातकाल को भारतीय जनतंत्र के इतिहास में बड़ा व्यवधान माना जाता है. पर उसके पहले हुए उस आंदोलन के बारे में इस दृष्टि से चर्चा नहीं होती है कि वह जनतांत्रिक आंदोलन था या ख़ुद जनतंत्र को जनतांत्रिक तरीक़े से व्यर्थ कर देने का उपक्रम. कविता में जनतंत्र स्तंभ की सत्ताईसवीं क़िस्त.
एग्ज़िट पोल चुनाव के परिणाम नहीं बल्कि अनुमान होते हैं, जो सर्वे के दौरान मतदाताओं के पूछे गए सवालों के जवाब के आधार पर तैयार किए जाते हैं. हालांकि, पिछले सालों के अनुमान देखें, तो इनके आकलन को सटीक नहीं कहा जा सकता.
बीते दिनों कान फिल्म समारोह में अवॉर्ड जीतने वाली पायल कपाड़िया ने साल 2015 में एफटीआईआई के अध्यक्ष के रूप में गजेंद्र चौहान की नियुक्ति के ख़िलाफ़ चार महीने तक चले विरोध प्रदर्शन की अगुवाई की थी. यह प्रदर्शन एफटीआईआई कैंपस में सबसे लंबे चले प्रदर्शनों में से एक था.